LYRICS OF “DEVA DEVA DEVAKITANAYA” BY VIJAYAGOPALASWAMY

Lyrics of “Deva deva devakitanaya
pahi mam” by Vijayagopalaswamy
Raga: kedaram
Tala: Adi
देवदेव देवकीतनय पाहि माम्॥
देवकार्यधुरंधर दीनमन्दार   ॥१॥
वसुधाभयवारक वर्धितलोक।
वसुदेवदेवकीपुत्र वारिजनेत्र    ॥२॥
नन्दगोप सुकुमार नवनीतचोर।
पूतनासंहार दधिपूरितोदर 
॥३॥
शकटासुरभञ्जन साधुजनरञ्जन।
मातृदर्शितस्वरूप माधवरूप ॥४॥
बालभाव नानाविधलीलाचतुर।
खण्डित तृणावर्त कञ्जवदन ॥५॥
यमलार्जुनभञजन यदु रञ्जन।
रौहिणेयसहचर रम्य विहार ॥६॥
गोवत्सपरिपालन गुञ्जाभरण।
वत्सासुरसंहार वनमालाधर ॥७॥
ब्रुन्दावन गोपीजन बृन्दमोहन।
मुरलीगानविलोल मोहनलील ॥८॥
नारदादि मुनिगेय नरकविजय
अक्रूरवन्दितपाद अर्जुनसूत ॥९॥
चाणूरमल्लमर्दन चारुनर्तन।
कुवलयापीडभेदन कुंकुमारुण॥१०॥
कंसासुरसंहार करुणासागर।
वसुदेवादि शोकहर वारिजोदर ॥११॥

उग्रसेनादिराज्यदान उचितकारण।
सान्दीपिनिवरप्रद साधित वेद ॥१२॥
द्वारकानायक भक्तबन्धमोचन।
रुक्मिणी कल्याणकृष्ण रुक्मिभञन॥१३॥
सत्यभामा जाम्बवती कालिन्दी प्रिय।
षोडश स्त्री सहस्रेश सुन्दर केश ॥१४॥
कुन्तीसुतपरिपाल कुरुवंशकाल।
गाङ्गेयमोक्षप्रदान गरुडकेतन॥१५॥
उद्धवतत्त्वबोधन उग्रशासन।
धरणीभारहरण धर्मकारण॥१६॥
विशदगुणालवाल विजयगोपाल 
(देवदेव…)

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