ललितात्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तरशतनामावली
Chant these names prefixing ‘ओं’ and suffixing ‘नमः’
श्रीललितात्रिपुरसुन्दर्यै
शिवशक्त्यै
ज्ञानशक्त्यै
मूलाधारैकनिलयायै
महाशक्त्यै
महासारस्वतप्रदायै
महाकारुण्यदायै
मङ्गलप्रदायै
मीनाक्ष्यै
मोहनाशिन्यै १०
कामाक्ष्यै
कल्याण्यै
कलावत्यै
कविप्रियायै
कलारूपायै
कुलाङ्गनायै
कालरात्र्यै
कुष्ठरोगहरायै
कलामालायै
कपालिप्रीतिदायिन्यै २०
बालायै
बाणधारिण्यै
बालादित्यसमप्रभायै
बिन्दुनिलयायै
बिन्दुरूपायै
ब्रह्मरूपिण्यै
वनदुर्गायै
वैष्णव्यै
विजयायै
वेदवेद्यायै ३०
विद्याविद्यास्वरूपिण्यै
विद्याधरायै
विश्वमय्यै
वेदमूर्त्यै
वेदसारायै
वाक्स्वरूपायै
विश्वसाक्षिण्यै
विश्ववेद्यायै
विज्ञानघनरूपिण्यै ४०
वागीश्वर्यै
वाग्विभूतिदायिन्यै
वाममार्गप्रवर्तिन्यै
विष्णुमायायै
रक्षाकर्यै
रम्यायै
रमणीयायै
राकेन्दुवदनायै
राजराजनिषेवितायै
रामायै ५०
राजराजेश्वर्यै
रक्षाकर्यै
दाक्षायिण्यै
दारिद्र्यनाशिन्यै
दुःखशमन्यै
देव्यै
दयाकर्यै
दुर्गायै
दुष्टशमन्यै
नन्दिन्यै ६०
नन्दिसुतायै
दक्षायै
दक्षिणामूर्तिरूपिण्यै
जयन्त्यै
जयप्रदायै
जगत्प्रियायै
ज्ञानप्रियायै
ज्ञानविज्ञानकारिण्यै
ज्ञानेश्वर्यै
ज्ञागम्यायै ७०
अज्ञानध्वंसिन्यै
ज्ञानरूपिण्यै
योगनिद्रायै
यक्षसेवितायै
त्रिपुरेश्वर्यै
त्रिमूर्तये
तपस्विन्यै
सत्यायै
सर्ववन्दितायै
सद्यः
प्रसादिन्यै ८०
प्रसादिन्यै ८०
सच्चिदानन्दरूपिण्यै
सत्यायै
माणिक्यरत्नाभरणायै
मयूरकेतुजनन्यै
मलयाचलपुत्रिकायै
हंसरूपिण्यै
सामगानप्रियायै
सर्वमङ्गलदायिन्यै
सर्वशत्रुनिबर्हिण्यै
सदाशिवमनोहरायै ९०
सर्वज्ञायै
सर्वशक्तिस्वरूपिण्यै
शंकरवल्लभायै
शिवङ्कर्यै
शर्वाण्यै
कालरूपिण्यै
श्रीचक्रमध्यगायै
विद्यातनवे
मन्त्रतनवे
योगलक्ष्म्यै १००
राजलक्ष्म्यै
महालक्ष्म्यै
सरस्वत्यै
ब्रह्मविष्णुशिवात्मिकायै
कात्यायिन्यै
दुर्गादेव्यै
महिषासुरमर्दिन्यै
श्रीललितापरमेश्वर्यै १०८