Lyrics of “govinda ghataya param” by Narayana Teertha
Kriti:. गोविन्द घटय परम्
Ragam: Bhairavi
Tala: Jampa
Pallavi (refrain)
गोविन्द घटय परं आनन्दं अमृतं
इह
इह
Anupallavi
श्रीनन्दतनय बहुयोगीन्द्र-सुरविनुत (गोविन्द…)
Charanam
अगणित-गुणग्राम
अपरिमित-निजकाम
अपरिमित-निजकाम
निगम-परमाराम निखिल-मोह-विराम।
नगधर घनश्याम नतजन-कुमुद-सोम
अघहरण सर्वसम असुरमण्डल-भीम ॥१॥ (गोविन्द…)
नवमौक्तिका-हार नन्दगोप-कुमार
भवबन्धन-विदूर भद्रद सुखाकार ।
अवनत-जनाधार अनुपम-शुभाचार
नवनीत-चोर नर-नारायणावतार
॥२॥ (गोविन्द…)
॥२॥ (गोविन्द…)
परमपुरुषाऽशेषपाल परिजन-तोष
परिहृताखिल-दोष पतगवाहन शेष-
पर्यङ्क मृदुभाष परम-मङ्गल-वेष
निरवद्य गोपपुरि-नियत वरमणिभूष ॥३॥
(गोविन्द…)
(गोविन्द…)
शरदिन्दु-समवदन
शत-मन्मथ-समान
शत-मन्मथ-समान
गुरुतरानन्दघन कुन्द-सुन्दर-रदन।
परिपन्थि-गण-दलन
पालिताखिल-भुवन
पालिताखिल-भुवन