Lyrics of “Sharanamupagatoham” by Narayana Teertha
Kriti: शरणमुपगतोऽहम्
शरणमुपगतोऽहं त्वां शरण्यं जनानां
निखिलभयवियोगं योगिचिन्त्यं महान्तं।
सुररिपुगणभारं दुःसहं दुर्भरं मे
परिहर परमात्मन् भक्ति सिध्यैकमूर्ते॥
Raga:Saurashtram
Tala: Adi
शरणं भव करुणां मयि कुरु दीनदयालो
करुणारस-वरुणालय करिराजकृपालो।
अधुना खलु विधिना मयि सुधियासुर
भरितं
भरितं
मधुसूदन मधुसूदन हर मामक दुरितम्
॥१॥
॥१॥
वरनूपुरधर सुन्दर करशोभितवलय
सुरभूसुरभयवारक धरणीधर कृपया।
त्वरया हर भरमीश्वर सुरवर्य मदीयं
त्वरया हर भरमीश्वर सुरवर्य मदीयं
मधुसूदन मधुसूदन हर मामक दुरितम्
॥२॥
॥२॥
घृणिमण्डल मणिकुण्डल फणिमण्डल-शयन
अणिमादि सुगुणभूषण मणिमण्डप-सदन।
विनतासुत-घनवाहन मुनिमानस-भवन
मधुसूदन मधुसूदन हर मामक दुरितम्
॥३॥
॥३॥
अतिभीकर हलिसोदर परिपूर्णसुखाब्धे
नरकान्तक नरपालक परिपालित जलधे।
हरिसेवक शिव नारायणतीर्थ परात्मन्