श्रीमीनाक्षी अष्टोत्तरशनामावलिः
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prefix ‘ओं’ and suffix ‘नमः’
prefix ‘ओं’ and suffix ‘नमः’
श्रीमातङ्ग्यै
विजयायै
श्यामायै
सर्वेश्यै
शुकप्रियायै
नीपप्रियायै
कदम्बेश्यै
मदाघूर्णितलोचनायै
भक्तानुरक्तायै
मन्त्रेश्यै १०
पुष्पिण्यै
मन्त्रिण्यै
शिवायै
कलावत्यै
रक्तवस्त्रायै
अभिरामायै
सुमध्यमायै
त्रिकोणमध्यनिलयायै
चारुचन्द्रावतंसिन्यै
रहःपूज्यायै २०
रहःकेल्यै
योनिरूपायै
महेश्वर्यै
भगप्रियायै
भगाराध्यायै
सुभगायै
भगमालिन्यै
रतिप्रियायै
चतुर्बाहवे
सुवेण्यै ३०
चारुहासिन्यै
मधुप्रियायै
श्रीजनन्यै
शर्वाण्यै
श्रीशिवात्मिकायै
राज्यलक्ष्मीप्रदायै
नित्यायै
नीपोद्याननिवासिन्यै
वीणावत्यै
कम्बुकण्ठ्यै ४०
कामेश्यै
यज्ञरूपिण्यै
संगीतरसिकायै
नादप्रियायै
नीलोत्पलद्युत्यै
मतंगतनयायै
लक्ष्म्यै
व्यापिन्यै
सर्वरञ्जिन्यै
दिव्यचन्दनदिग्धाङ्ग्यै ५०
यावकार्द्रपदाम्बुजायै
कस्तूरीतिलकायै
सुभ्रुवे
बिम्बोष्ठ्यै
मदालसायै
विद्याराज्ञ्यै
भगवत्यै
सुधापानानुमोदिन्यै
शंखताटङ्किन्यै
गुह्यायै ६०
योषित्पुरुषमोहिन्यै
किङ्करीभूतगीर्वाण्यै
कौलिन्यै
अक्षररूपिण्यै
विद्युत्कपोलपलकायै
मुक्तारत्नविभूषितायै
सुनासायै
तनुमध्यायै
विद्यायै
भुवनेश्वर्यै ७०
पृथुस्तन्यै
ब्रह्मविद्यायै
सुधासागरवासिन्यै
गुह्यविद्यायै
श्री अनवद्याङ्ग्यै
यन्त्रिन्यै
रतिलोलुपायै
त्रैलोक्यसुन्दर्यै
रम्यायै
स्रग्विण्यै ८०
कीरधारिण्यै
आत्मैक्यसुमुखीभूतायै
जगदाह्लादकारिण्यै
कल्पातीतायै
कुण्डलिन्यै
कलाधरायै
मनस्विन्यै
अचिन्त्यानन्दविभवायै
रत्नसिंहासनेश्वर्यै
पद्मासनायै ९०
कामकलायै
कल्याण्यै
नित्यपुष्टायै
शांभव्यै
वरदायिन्यै
सर्वविद्याप्रदायिन्यै
गुह्योपनिषदुत्तमायै
नृपवश्यकर्यै
भोक्त्र्यै
जगत्प्रत्यक्षसाक्षिण्यै १००
ब्रह्मविष्णुशिवजनन्यै
सर्वसौभाग्यदायिन्यै
गुह्यातिगुह्यगोप्त्र्यै
नित्यक्लिन्नायै
अमृतोद्भवायै
कैवल्यदात्र्यै
वशिन्यै
सर्वसंपत्प्रदायिन्यै
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